भोपाल, इंदौर और उज्जैन छोड़कर प्रदेश में आगामी 15 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर रबी की फसल की खरीदी शुरू हो जाएगी। इस दौरान मंडियों में बिना भीड़ के सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे। प्रदेश में 790 केंद्र बनाए गए हैं और इन केंद्रों में एक बार में 10-12 किसानों को बुलाया जाएगा। साथ ही सरकार किसानों को मंडियों से बाहर व्यापारियों को समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने की सुविधा देने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रबी उपार्जन कार्य की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। इसमें मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस मौजूद रहे।
हर दिन 10-12 किसानों को बुलाएंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीदी के लिए किसानों को एसएमएस पर सूचना दी जाए कि वे किस दिनांक को तथा किस पाली में समर्थन मूल्य केंद्र पर अपनी फसल बेचने के लिए आएं। उस दिन तथा पाली में किसान केंद्रों पर फसल बेचने आएं। इस तरह की व्यवस्था बनाई जाए कि हर दिन 10 से 12 किसानों को खरीदी केंद्र पर बुलाया जाए।
'सौदा पत्रक' के माध्यम से भी खरीदी
कोरोना के संकट के चलते इस बार किसानों को यह सुविधा दी जा रही है कि वे 'सौदा पत्रक' के माध्यम से भी व्यापारियों को सीधे अपना अनाज समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे। प्रदेश में यह व्यवस्था 2009 तक चली थी, बाद में इसे बंद कर दिया गया था। इसके अलावा किसान आईटीसी के खरीदी केंद्रों और चौपाल पर भी अपनी उपज बेच सकेंगे।
मंदिरों के बाहर चना, मसूर, सरसों खरीदी केंद्र
समर्थन मूल्य पर चना, मसूर, सरसों की खरीदी के लिए मंडियों के बाहर पिछले वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी खरीदी केंद्र बनाए जा रहे हैं। इन केंद्रों की संख्या 790 है, जो कि पर्याप्त होगी। लगभग 8 लाख मीट्रिक टन अनाजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी संभावित है।