मजदूरी करने चेन्नई के नजदीक गाजीपुरम पहुंचे सतना जिले के 21 मजदूर लॉकडाउन के चलते वहां फंस गए हैं। इनमें सतना जिले के नागौद तहसील के उरादान, पतवारा, अमकुईंया गांवों के मजदूर शामिल हैं। कैलाश ने कहा कि हमेें कोरोना बाद में मारेगा, उसके पहले भूख मार देगी। हम अपनी मध्य प्रदेश सरकार से निवेदन करते हैं कि हमे घर आने के लिए साधन मुहैया कराएं। वरना हम चेन्नई से 1825 किलोमीटर दूर सतना के लिए पैदल ही चल देंगे। मजदूरों ने अपने नाम और आधार नंबरों की सूची भी वाट्सएप पर भेजी है।
कैलाश ने बताया कि हम 2 मार्च को ट्रेन से चेन्नई पहुंचे थे, यहां से 12 किलोमीटर दूर गाजीपुरम में एक बिल्डिंग निर्माण में मिस्त्री और श्रमिक का काम रहे हैं। लॉकडाउन के कारण 20 मार्च को सारे काम धंधे बंद हो गए। हमारी साइट भी बंद हो गई। मजदूरी के एवज में जो पैसे मिले थे, वो अब खत्म हो चुके हैं से पैसे मांगे तो जवाब मिला, जितना काम किया था, उतने पैसे दे दिए हैं। अब और नहीं दे सकता।